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भोगोलिकी

जिले की रूपरेखा :

ग्वालियर के उत्तर – पूर्व में 26 ° 34’50 “अक्षांश और 78 ° 48’05” रेखांश पर अवस्थित भिंड मध्य प्रदेश का सबसे उत्तरी जिला है । यह क्वारी तथा पहुज नदियों के मध्य चंबल और सिंध की घाटियों में स्थित है। जिला 25 ° 54’5 ” उत्तर से 26 ° 47’50 ” उत्तर और 78 ° 12’45 ‘पूर्व से लेकर 79 ° 8’30’ ’79 डिग्री 8’30’ ‘पूर्व तक फैला हुआ है ।

उत्तर पूर्व की तरफ उभरा हुआ यह जिला अर्धवृत्ताकार है । भिंड जिले की सबसे बड़ी लंबाई दक्षिण पूर्व से उत्तर पश्चिम तक 105 किमी है l

भिंड जिला उत्तर दिशा में उत्तर प्रदेश के आगरा और इटावा जिलों और दक्षिण में ग्वालियर और दतिया जिलों से घिरा हुआ है । इसकी पूर्वी सीमा उत्तर प्रदेश के इटावा, औरैया और जालौन जिलों द्वारा बंद की जाती है जबकि पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी सीमाएं मुरैना जिले द्वारा साझा की जाती हैं। उत्तर पश्चिमी सीमा आसन और क्वारी नदियों द्वारा चिह्नित की जाती है तथा उत्तरी और पूर्वी पर चंबल और पहुज नदियाँ बहती हैं।

भूगोल :

सम्पूर्ण जिला चंबल घाटी में अवस्थित है l यह गंगा घाटी के दक्षिण – पश्चिमी भाग का निर्माण करता है l पहाड़िया नाम मात्र को है जो मुख्यतः दक्षिण – पश्चिम में छोटी-छोटी और अलग-अलग हैं ।

यह केवल भिंड तहसील में है कि नदियों का प्रवाह पूर्व की तरफ है l भिंड की स्थलाकृति घाटी – मैदानी स्थलाकृति है । वर्तमान में मैदानी भाग पर खेती होती हैं l खेत प्रायः ब्रक्षविहीन तथा नमीदार स्थानों पर झाड़ियों से युक्त हैं l स्थलाकृति को विभाजित करने वाला गहरी खाड़ियों तथा ढालू किनारों से युक्त केवल नदियों का नेटवर्क है ।

जिले का सबसे विस्तृत मैदान गोहद, मेहगाँव और मौ के आसपास के पश्चिमी भाग में स्थित है। बीहड़ी भूमि नदियों एवं उनकी सहायक नदियों के दोनों तरफ फ़ैली हुई है l ये बीहड़ डकैतों की आदर्श शरणस्थली तथा बाख निकालने के रास्ते रहे हैं l घाटी क्षेत्रों में खेती और बस्तियों के लिए ज्यादातर अनुपयुक्त हैं।

कई नदियाँ तथा जलधाराएं जिले से होकर बहती हैं l चंबल और सिंध जिले की प्रमुख नदियां हैं। चंबल उत्तरी सीमा का निर्माण करती है l चूंकि 2 नदियां यमुना की उपनदियां हैं, वे गंगा जल निकासी व्यवस्था के कुछ हिस्से बनातीं हैं । इनके अतिरिक्त, क्वारी,पहुज, आसन और वैसली जिले की अन्य महत्वपूर्ण नदियां हैं ।

जलवायु :

दक्षिण-पश्चिमी मानसून मौसम के अलावा भिंड का मौसम सामान्य तौर से सूखा रहता है। वर्ष को 4 ऋतुओं में विभाजित किया जा सकता है l शरद ऋतु दिसंबर से फरवरी तक और ग्रीष्म ऋतु मार्च से लगभग मध्य जून तक रहती हैं । जून के मध्य से सितंबर के अंत तक की अवधि दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम है। अक्टूबर और नवंबर मानसूनोत्तर माह हैं l

बर्षा :

भिंड की औसत वार्षिक वर्षा 668.3 मिमी है। जिले की स्थानिक भिन्नता बहुत अधिक नहीं है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के महीनों में वार्षिक वर्षा का लगभग 92% प्राप्त होता है। औसतन एक वर्ष में 33 बरसात के दिन होते हैं। 6 सितंबर, 1910 को भिंड में जिले में किसी भी स्थान पर दर्ज 24 घंटों में सबसे भारी वर्षा 295.9 मिमी थी।

तापमान :

भिंड में कोई मौसम संबंधी वेधशाला नहीं है l फरवरी के बाद तापमान मई तक लगातार बढ़ता है जब औसत दैनिक तापमान 46 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस रहता है। जून में औसत तापमान दो डिग्री से अधिक हो सकता है। गर्मियों में अति तीव्र गर्मी होती है और अक्सर चलने वाली धूल भरी व झुलसाने वाली हवाएं अति कष्टकारी होती हैं । जून के मध्य में मॉनसून की शुरूआत के साथ तापमान में एक सुखद गिरावट आती है। अक्टूबर के बाद दिन और रात के तापमान में तेजी से गिरावट आती है l अधिकतम औसत तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम औसत तापमान 5 डिग्री सेल्सियस के साथ जनवरी सबसे ठंडा महीना है l 2003 में न्यूनतम तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था l ठंड के मौसम में पश्चिमी हवायेन एवं शीत लहर जिले को प्रभावित करती हैं और न्यूनतम तापमान पानी के हिमांक से भी लगभग एक डिग्री नीचे गिर जाता है।