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जिला स्तरीय आनंदक सम्मेलन

17/06/2019 - 24/06/2019
भिण्ड

दूसरों की निस्‍वार्थ सहायता करना तथा उसके लिए आगे बढ़कर त्‍याग करने का भाव भारतीय संस्‍कृति का आधार है। सहायता करने के अनेक तरीके हो सकते हैं उदाहरणत: घरों में कई बार ऐसा सामान होता है जिसकी आवश्‍यकता नहीं होती। ऐसे सामान को किसी जरूरतमंद तक पहुंचाने की संस्‍थागत व्‍यवस्‍था होनी चाहिए। यह मदद करने का प्रभावी तरीका हो सकता है। इसी बात को ध्‍यान में रखकर ‘’आनंदम’’ नामक व्‍यवस्‍था को आरंभ किया गया है।